सिंगरौली : सिंगरौली जिले में बढ़ते औद्योगिकरण के फलस्वरूप भारी वाहनों के अत्यधिक संख्या में आवागमन के कारण वायु प्रदूषण में निरंतर वृद्धि हो रही है। सिंगरौली जिले में स्थापित विभिन्न कोयला खदानों से रेलवे साईटिंग एवं वहां से पावर परियोजनाओं तक कोयले का परिवहन सड़क मार्ग से खुले हाईवा एवं अन्य बड़े वाहनों के माध्यम किये जाने के कारण मार्ग के आसपास के क्षेत्र में कोयले की धूल उड़ती है जिसके कारण व्यापक स्तर पर वायु प्रदूषण होता है माननीय हरित अभिकरण नई दिल्ली के द्वारा दिये गये निर्देशों अनुपालन में जिले में कोयला परिवहन विनियमित ब्लेक्टर कि दृष्टिकोण से दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक जारी किये गये थे। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी अरूण परमार द्वारा पुलिस अधीक्षक से प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार “सिंगरौली जिला मुख्यालय से होकर सिंगरौली गुजरने वाले मार्गो की चौड़ाई बहुत कम होने, मार्गों पर वाहनों के अधिक संख्या में आवागमन एवं जिले में प्रदूषण के स्तर को देखते हुये जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति द्वारा पारित प्रस्ताव के अनुसार सिंगरौली जिले में कोयला एवं राखड़ परिवहन को विनियमित किये जाने हेतु दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 144 के तहत अमलोरी मोड़ से माजन मोड़, परसौना सड़क मार्ग से कोयला एवं राखड़ परिवहन प्रतिबंधित किये जाने हेतु आदेश जारी किये गये है।जारी आदेश में कहा गया है कि पुलिस अधीक्षक सिंगरौली की ओर से प्रस्तुत प्रतिवेदन एवं माननीय हरित अभिकरण नई दिल्ली द्वारा समय-समय पर जारी आदेशों के अनुपालन में जिले में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित किये जाने एवं शहरी क्षेत्र में भारी वाहनों का आवागमन निनियमित किये जाने के दृष्टिकोण एवं उक्त परिस्थितियों का निवारण तथा उपचार किया जाना तात्कालिक परिस्थतियों में आवश्यक एवं वांछनीय हो गया है। जिसे देखते हुये कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी सिंगरौली द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 144 के तहत तत्काल प्रभावशील किया गया है। इस आदेश के प्रभावशील रहने की अवधि तक सम्पूर्ण सिंगरौली जिले में सम्पूर्ण सिंगरौली जिले में कोयला एवं राखड़ का परिवहन करने वाले सभी भारी वाहनों का संचालन केवल “विहित प्राधिकारी अनुविभागीय दण्डाधिकारी“ की पूर्वानुमति प्राप्त कर ही किया जा सकेगा। बिना सक्षम अनुमति प्राप्त किये कोयला एवं राखड़ का परिवहन सम्पूर्ण सिंगरौली जिले में प्रतिबंधित रहेगा। इस आदेश का उल्लंघन पाये जाने पर संबंधित कोल परियोजना, क्रेता परियोजना उपभोक्ता कंपनी तथा संबंधित कोल ट्रांसपोर्टर तीनों उत्तरदायी होंगे। इस आदेश के प्रयोजन हेतु “ समस्त उपखण्ड मजिस्ट्रेटों” को उनके कार्यक्षेत्र के अंतर्गत “विहित प्राधिकारी” घोषित किया जाता है। “विहित प्राधिकारी“ वाहनों का विवरण एवं परिवहन हेतु निर्धारित मार्ग का उल्लेख करते हुये सशर्त परिवहन की अनुमति प्रदान कर सकेंगे। कोयला एवं राखड़ परिवहन को छोड़कर अन्य भारी छोटे वाहनों के आवागमन पर यह आदेश प्रभावशील नही होगा ।
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