एस आर इण्टरनेशनल स्कूल में हुआ परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम का लाइव प्रसारण।
लखनऊ 30/012024
बख्शी का तालाब स्थित एस आर इण्टरनेशनल स्कूल में आज लाइव प्रसारण परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में मंत्री संदीप सिंह,राज्य मंत्री बेसिक शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार), उ0प्र0, पवन सिंह चौहान, एम.एल.सी. उ0प्र0, डॉ0 एम.के. शनमुगा संदरम, प्रमुख सचिव, बेसिक शिक्षा, उ0प्र0 शासन, श्रीमती अपर्णा यू सचिव, बेसिक शिक्षा, उ0प्र0 शासन, श्रीमती कंचन वर्मा, महानिदेशक स्कूल शिक्षा, उ0प्र0, लखनऊ, पियूष सिंह चौहान (वाइस चेयरमैन एस0आर0 ग्रुप) एवं सुष्मिता सिंह चौहान (वाइस चेयरपर्सन) उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को छात्रों से परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम के दौरान संवाद किया। भारत मंडपम में छात्रों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आप उस स्थान पर आए हैं, जहां भारत मंडपम के प्रारंभ में दुनिया के सभी बड़े-बड़े दिग्गज नेताओं ने दो दिन बैठकर विश्व के भविष्य की चर्चा की थी।
आज आप भारत के भविष्य की चिंता अपनी परीक्षाओं की चिंताओं के साथ-साथ करने वाले हैं। एक प्रकार से परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम मेरे लिए भी परीक्षा होता है। आपमें से बहुत से लोग हैं जो हो सकता है मेरी परीक्षा लेना चाहते हों।
कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने दोस्तों से परीक्षा में प्रतिस्पर्धा के सवाल पर कहा कि आपको अपने दोस्तों से नहीं बल्कि खुद से प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए। उन्होंने कहा, दोस्ती लेन-देन का खेल नहीं है। मान लीजिए 100 नंबर का पेपर है। आपका दोस्त अगर 90 नंबर ले आया तो क्या आपके लिए 10 नंबर बचे? आपके लिए भी 100 नंबर हैं। आपको उससे स्पर्धा नहीं करनी है आपको खुद से स्पर्धा करनी है। उससे द्वेष करने की जरूरत नहीं है। असल में वो आपके लिए प्रेरणा बन सकता है। अगर यही मानसिकता रही तो आप अपने से तेज तरार व्यक्ति को दोस्त ही नहीं बनाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा, दोस्त हमसे ज्यादा तेजस्वी और तपस्वी चुनना चाहिए और उनसे हमेशा सीखना चाहिए।
बच्चों के रिपोर्ट कार्ड को विजिटिंग कार्ड बना देते हैं मां-बाप
पीएम मोदी ने कहा, कुछ मां बाप अपने बच्चे के रिपोर्ट कार्ड को अपना विजिटिंग कार्ड बना देते है। उन्होंने कहा, कई बार मैंने देखा है कि ऐसे मां बाप जो खुद सफल नहीं पर हैं वो अपने बच्चों एक रिपोर्ट कार्ड को ही विजिटिंग कार्ड बना लेते हैं। जहां जाते हैं अपने बच्चों की कथा सुनाते हैं। इससे बचना चाहिए। उन्होंने कहा, मां-बाप अपने बच्चों को हर वक्त कोसते रहते हैं,तो आपके दिमाग में भी यही मानदंड बन जाता है। इससे बचना चाहिए।
तनाव कम करने में शिक्षक की भूमिका अहम
छात्रों से संवाद करते हुए पीएम मोदी ने कहा, हमें किसी भी प्रेशर को झेलने के लिए खुद को सामर्थ्यवान बनाना चाहिए। दबाव को हमें अपने मन की स्थिति से जीतना जरूरी है। किसी भी प्रकार की बात हो, हमें परिवार में भी चर्चा करनी चाहिए।
इस अवसर पर आये हुये सभी अतिथियों को मा0 एम.एल.सी श्री पवन सिंह चौहान जी ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।एस आर इण्टरनेशनल स्कूल में हुआ परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम का लाइव प्रसारण।
बख्शी का तालाब स्थित एस आर इण्टरनेशनल स्कूल में आज लाइव प्रसारण परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में मा0 मंत्री संदीप सिंह,राज्य मंत्री बेसिक शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार), उ0प्र0, मा0 पवन सिंह चौहान, एम.एल.सी. उ0प्र0, डॉ0 एम.के. शनमुगा संदरम, प्रमुख सचिव, बेसिक शिक्षा, उ0प्र0 शासन, श्रीमती अपर्णा यू सचिव, बेसिक शिक्षा, उ0प्र0 शासन, श्रीमती कंचन वर्मा, महानिदेशक स्कूल शिक्षा, उ0प्र0, लखनऊ, पियूष सिंह चौहान (वाइस चेयरमैन एस0आर0 ग्रुप) एवं सुष्मिता सिंह चौहान (वाइस चेयरपर्सन) उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को छात्रों से परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम के दौरान संवाद किया। भारत मंडपम में छात्रों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आप उस स्थान पर आए हैं, जहां भारत मंडपम के प्रारंभ में दुनिया के सभी बड़े-बड़े दिग्गज नेताओं ने दो दिन बैठकर विश्व के भविष्य की चर्चा की थी।
आज आप भारत के भविष्य की चिंता अपनी परीक्षाओं की चिंताओं के साथ-साथ करने वाले हैं। एक प्रकार से परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम मेरे लिए भी परीक्षा होता है। आपमें से बहुत से लोग हैं जो हो सकता है मेरी परीक्षा लेना चाहते हों।
कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने दोस्तों से परीक्षा में प्रतिस्पर्धा के सवाल पर कहा कि आपको अपने दोस्तों से नहीं बल्कि खुद से प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए। उन्होंने कहा, दोस्ती लेन-देन का खेल नहीं है। मान लीजिए 100 नंबर का पेपर है। आपका दोस्त अगर 90 नंबर ले आया तो क्या आपके लिए 10 नंबर बचे? आपके लिए भी 100 नंबर हैं। आपको उससे स्पर्धा नहीं करनी है आपको खुद से स्पर्धा करनी है। उससे द्वेष करने की जरूरत नहीं है। असल में वो आपके लिए प्रेरणा बन सकता है। अगर यही मानसिकता रही तो आप अपने से तेज तरार व्यक्ति को दोस्त ही नहीं बनाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा, दोस्त हमसे ज्यादा तेजस्वी और तपस्वी चुनना चाहिए और उनसे हमेशा सीखना चाहिए।
बच्चों के रिपोर्ट कार्ड को विजिटिंग कार्ड बना देते हैं मां-बाप
पीएम मोदी ने कहा, कुछ मां बाप अपने बच्चे के रिपोर्ट कार्ड को अपना विजिटिंग कार्ड बना देते है। उन्होंने कहा, कई बार मैंने देखा है कि ऐसे मां बाप जो खुद सफल नहीं पर हैं वो अपने बच्चों एक रिपोर्ट कार्ड को ही विजिटिंग कार्ड बना लेते हैं। जहां जाते हैं अपने बच्चों की कथा सुनाते हैं। इससे बचना चाहिए। उन्होंने कहा, मां-बाप अपने बच्चों को हर वक्त कोसते रहते हैं,तो आपके दिमाग में भी यही मानदंड बन जाता है। इससे बचना चाहिए।
तनाव कम करने में शिक्षक की भूमिका अहम
छात्रों से संवाद करते हुए पीएम मोदी ने कहा, हमें किसी भी प्रेशर को झेलने के लिए खुद को सामर्थ्यवान बनाना चाहिए। दबाव को हमें अपने मन की स्थिति से जीतना जरूरी है। किसी भी प्रकार की बात हो, हमें परिवार में भी चर्चा करनी चाहिए।
इस अवसर पर आये हुये सभी अतिथियों को मा0 एम.एल.सी श्री पवन सिंह चौहान जी ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।