वाराणसी….
संस्था व्यथा के अंतर्गत आज दिनांक 4 फरवरी 2024 को प्रातः 11:00 बजे मजाक वरदान या अभिशाप के विषय पर एक महत्वपूर्ण गोष्ठी का आयोजन किया गया था गोष्ठी का उद्देश्य समाज में मजाक के नाम पर दूसरों की भावनाओं का अपमान करना दूसरों के ऊपर व्यंग्य बोलना इसका व्यापक नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है उसे किस प्रकार से बचा जाए इस विषय पर इस महत्वपूर्ण गोष्ठी का आयोजन किया गया था आज की गोष्ठी के मुख्य अतिथि सीआरपीएफ शिलांग के कमांडेंट श्री दिनेश सिंह चंदेल जी थे और अध्यक्षता से प्रभु नाथ योगेश्वर ने किया इस कार्यक्रम का संचालन एवं आयोजन योगी प्रकाशनाथ योगेश्वर काल भैरव मंदिर के प्रधान गद्दीदार ने किया विभिन्न वक्ताओं ने अपने-अपने विचारों को रखा जिसमें सुल्तानपुर राजकीय आयुर्वेद विद्यालय के योग प्रशिक्षक श्रीकिशन विश्वकर्मा वाराणसी के समाजसेवी श्री अजीत पाठक प्राकृतिक श्री बनारसी लाल गुप्ता श्री चंदन विश्वकर्मा अजय सेठ विकास बिंद सहित सीआरपीएफ की अनेक जवान उपस्थित थे कमांडेंट श्री दिनेश चंदेल जी ने कहा कि मजाक जीवन का वरदान तभी है जब हम भावनाओं का सम्मान करते हुए भावनात्मक उत्थान के लिए मजाक करें वरना यह मजाक अभिशाप बन जाता है
श्री विश्वकर्मा ने कहा कि यदि किसी को मारना है तो शब्द बाण से मारे उसका ज्यादा प्रभाव होता है इस अवसर पर योगी योगेश्वर ने कहा कि महाभारत का युद्ध द्रोपती के गलत तरीके से मजाक उड़ाने के परिणाम स्वरुप भयानक मानवीय त्रासदी के रूप में सदैव स्मरण रखा जाएगा यदि द्रौपदी ने अंधे का पुत्र अंधा कहकर दुर्योधन का मजाक नहीं उठाया होता तो शायद महाभारत का भीषण युद्ध नहीं होता कार्यक्रम के अंत में कमांडेंट श्री दिनेश कुमार चंदेल जी को योगी योगेश्वर एवं उनकी समस्त योग टीम ने उन्हें एक स्मृति चिन्ह प्रदान कर अंग वस्त्र से सम्मानित कर उनका सम्मान किया इस अवसर पर सभी ने भारत माता की जय और जय हिंद के नारों से एक दूसरे से विदा लिया यह कार्यक्रम योगी योगेश्वर जी के काल भैरव स्थित निवास स्थान पर मनाया गया धन्यवाद ज्ञापन अजीत पाठक ने किया.