गाजीपुर : आजादी के 75 साल बाद भी गाजीपुर जिले की हरिहरपुर गांव में रहने वाली हजारों गरीबों व दलितों की बस्ती जहरीले आर्सेनिक पानी पीने को मजबूर है। गांव के मासूमों, युवाओं व बुजुर्गाे के साथ-साथ पशुओं पर भी आर्सेनिक का असर दिखता है। कमजोर व दिव्यांग लोगों का यह गांव जनप्रतिनिधियों की अनदेखी व जिला प्रशासन के साथ-साथ केन्द्र व प्रदेश सरकार की उपेक्षा का दंश झेल रहा है। समस्या से आजीज आकर गांव के सैकड़ो महिलाओं ने जहरीला पानी लेकर जिलाधिकारी कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया और चेतावनी दिया कि दो दिन के अन्दर गांव के लोगों की पानी की समस्या का समाधान नही हुआ तो लोग सड़क पर उतरने को बाध्य होगें। सबसे बड़ी बात यह है कि पानी की समस्या को लेकर प्रदर्शन करने वाले गरीबों का नेतृत्व एक ऐसा चेहरा कर रहा था जो जिले की मौजूदा एल0जी0 व पूर्व संचार व रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा का प्रतिनिधि रह चुका है। इस बाबत जब नेतृत्वकर्ता सिद्धार्थ राय से बात की गयी कि प्रदेश व देश में उन्हीं की सरकार है और मनोज सिन्हा जैसे कद्दावर व्यक्ति के सानिध्य में उनका सामाजिक सफर चलता है तो पानी के लिये निवेदन क्यों ? सिद्धार्थ राय ने कहा कि यह समस्या पिछले पॉच वर्षो से तेजी से बढ़ी है। गांव में इस पानी को पीने के बाद दर्जन भर लोगों की इन दिनो मौत भी हो गयी। अब तो हालत यह है कि पशु और कुत्ते भी पानी पीने से बचने लगे है और सीधे-सादे ग्रामीण भीषण ताप लहरी व गर्मी के बीच दूसरे गांव से पैदल पानी लाकर अपना जीवन बसर कर रहे है।
हालांकि जिलाधिकारी आर्यका अखौरी अपने कार्यालय में मौजूद नही थी इसलिये तत्कालीन कार्यालय प्रभारी ए0डी0एम0 ने सिद्धार्थ राय के साथ पहुंची जनता से बात की और सम्बन्धित विभागों के साथ-साथ अन्य लोगों को टेलीफोनिक निर्देश भी दिया कि जब तक समस्या का समाधान नही होता तब तक गांव के लोगों को हर हाल में पेयजल व जरूरत का पानी किसी तरह मुहैया कराया जाय। मौके पर पहुंची महिलायें गांव का गन्दा पानी लेकर पहुंची इस मामले को लेकर अफसरो ने माथा पीट लिया। पानी के लिये बर्तन लेकर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करने वाले ग्रामीण ही नही क्षेत्र के कई गांवों में लोग परेशान है। जिले की राज्यसभा सांसद संगीता बलवन्त का भी घर इसी इलाके में है। इसी इलाकें में शराब की फैक्ट्री के साथ-साथ राईस मिल व पावर प्लान्ट भी चलाया जाता है। एल0जी0 के खास सिद्धार्थ राय ने भी ग्रामीण संस्कृति को प्रदर्शित करते हुए खुरपी गांव भी यहीं बसाया है। कुल मिलाकर इस इलाके में समस्यायें कम होने का नाम नही ले रही है। पानी को लेकर प्रदर्शन करने वाले लोग भले घर लौट गये हो लेकिन आने वाले दिनों में यह प्रदर्शन जिले के नेताओं व अफसरों की परेशानी का कारण बनने की ओर है।