शारदीय नवरात्र का पांचवा दिन, जिसे आश्विन शुक्ल पक्ष की पंचमी के रूप में जाना जाता है, बहुत महत्वपूर्ण है।
इस दिन का महत्व निम्नलिखित है:
1. मां स्कंदमाता की पूजा: इस दिन मां दुर्गा के पांचवें रूप, स्कंदमाता की पूजा की जाती है।
2. भगवान कार्तिकेय की पूजा: स्कंदमाता भगवान कार्तिकेय की माता हैं, इसलिए इस दिन भगवान कार्तिकेय की भी पूजा की जाती है।
3. संतान की रक्षा और सुख: मां स्कंदमाता संतान की रक्षा और सुख की देवी हैं, इसलिए इस दिन संतान की रक्षा और सुख की पूजा की जाती है।
4. आत्मशक्ति और साहस: इस दिन आत्मशक्ति और साहस के लिए विशेष प्रयास किए जाते हैं।
5. परिवार और समाज की एकता: नवरात्रि परिवार और समाज की एकता को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करता है।
पूजा विधि:
1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
2. मां स्कंदमाता की पूजा के लिए विशेष पूजा सामग्री इकट्ठा करें।
3. मां स्कंदमाता की पूजा करें और उनकी कृपा की कामना करें।
4. विशेष भोग और प्रसाद चढ़ाएं।
5. मां स्कंदमाता के मंत्रों का जाप करें।
मंत्र:
1. “ओम श्री स्कंदमातायै नमः”
2. “ओम श्री महादुर्गायै नमः”
3. “ओम श्री दुर्गे देवी नमोस्तुते”
इस दिन का महत्व हमें संतान, आत्मशक्ति, और परिवार की एकता की ओर ले जाता है।