गाजीपुर : 300 वर्षो से हिन्दू मुस्लिम एकता भाईचारें व गंगा जमुनी तहजीब को जिन्दा रखने वाला धांवा शरीफ की मजार हिन्दू व मुसलमानों की आस्था का बहुत बड़ा केन्द्र है। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में स्थित इस मजार पर कोई मौलवी नही रहता, रहते है तो सिर्फ बीमार व पीड़ित जायरीन और इस मजार की ताकत से ठीक होकर घर भी लौट जाते है। इसे यहॅा की आसमानी ताकत से जोड़कर देखा जाता है और हर वर्ष यहॅा उर्स के मौके पर यू0पी0 ही नही हर प्रदेश व कई देशों से जायरीन पहुंचते है और दुआख्वानी करते है। आपकी स्क्रीन पर दिख रही यह तस्वीरे गाजीपुर मे स्थित मुस्लिम समुदाय के पुराने औलिया की धांवा शरीफ मजार की है। यहॅा लोग आते है अगरबत्ती धूप जलाते है और तब यही ठिकाना बनाकर रहते है जबतक उनकी बीमारी और समस्या हमेशा के लिये समाप्त नही हो जाती। 300 सालों से इस मजार पर जायरीनों का लगातार आना जाना है और उर्स का भी आयोजन होता रहता है लेकिन पिछले 45 सालों से फखरे मिल्लत, सैयद जफर, इकबाल का परिवार ही पूरे आयोजन की देखरेख करता है और इसे भव्य रूप देने का प्रयास करता है। सैयद जफर इकबाल कई दशको से जनपद छोड़कर इंग्लैण्ड में जाकर बस गये है और वहंा अच्छे कारोबारी भी है लेकिन हर वर्ष उर्स के मौके पर गाजीपुर आते है और यहॅा आने वाली सारी व्यवस्था व लोगों के स्वागत के साथ दावते आम का भी समूचा खर्च खुद उठाते है। इस बार 17 अक्टूबर को शाम 4 बजे दरगाह पर झण्डारोहण व सलामी पेशगी होगी और सूफी संतो की याद में सेमिनार का भी आयोजन होगा।
18 अक्टूबर को आल इण्डिया नातिया मुकाबला व कौव्वाली का आयोजन होगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुफ्ती अतिउर्ररहमान साहब नूरी जामिया नूरिया शामपुर बंगाल होगें। इस दौरान जिले व प्रदेश से आने वाले हजारों जायरीनों की दुआख्वानी व दावत का बड़ा इंतजाम किया गया है और जफर इकबाल ने हर धर्म व समुदाय के लोगों से कार्यक्रम में शिरकत करने व प्रसाद ग्रहण करने की अपील की है।