न्यूज़ इंडिया डीटी
तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद कराने की मांग को लेकर दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर चल रहा किसानों का आंदोलन बुधवार को 91वें दिन में प्रवेश कर गया है। इस बीच दिल्ली-एनसीआर 3 अन्य बॉर्डर टीकरी, शाहजहांपुर और गाजीपुर बॉर्डर पर भी बड़ी संख्या में किसान कृषि कानून रद कराने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं। वहीं, जयपुर दौरे के दौरान भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत मंगलवार को एलान किया है कि गेंहू की फसल कटने के बाद 40 लाख ट्रैक्टर दिल्ली कूच करेंगे।
उन्होंने कहा कि कान खुल कर सुन ले दिल्ली, ये किसान भी वही हैं और ट्रैक्टर भी वही होंगे। लेकिन अबकी बार आह्वान संसद का होगा। कहकर जाएंगे संसद पर। इस बार चार लाख नहीं चालीस लाख ट्रैक्टर जाएंगे। उन्होंने कहा कि किसान इंडिया गेट के पास के पार्कों में जुताई करेगा और फसल भी उगाएगा। इसके अलावा राकेश टिकैत ने कहा कि संसद को घेरने के लिए तारीख संयुक्त मोर्चा तय करेगा।
किसाने नेता ने कहा कि 26 जनवरी की घटना के मामले में देश के किसानों को बदनाम करने की साजिश की गई. देश के किसानों को तिरंगे से प्यार है, लेकिन इस देश के नेताओं को नहीं। टिकैत ने कहा कि सरकार को किसानों की तरफ से खुली चुनौती है कि सरकार ने तीनों कृषि कानून वापस नहीं लिए और एमएसपी लागू नहीं की तो बड़ी-बड़ी कंपनियों के गोदाम को ध्वस्त करने का काम भी देश का किसान करेगा।
उन्होंने केंद्र सरकार को लूटेरों की सरकार बताते हुए कहा कि देश के किसान और मजदूर को चंद पूंजीपतियों का गुलाब बनाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है । अनाज को पूंजिपतियों की तिजोरी में बंद करने का तानाबाना बुन दिया गया है। केंद्र सरकार चाहती है कि खेती किसान करे अैर मुनाफा उनकी चहेती कंपनियां कमाएं।